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शुक्रवार, जनवरी 28, 2011

शायरों की महफिल से

 दुश्मन की आँखें झलक आये
वो मुझे ठुकराकर तन्हा छोड़कर चल दिए,
मेरे जीने के सभी रास्ते बंद करके चल दिए.
खुदा ने पूछा बोल कैसी चाहता है अपनी मौत,

मैंने कहा कि- दुश्मन की आँखें झलक आये ऐसी चाहता हूँ मौत. 
" मौत ने पूछा कि-मैं आऊंगी तो स्वागत करोंगे कैसे,
 मैंने कहा कि-राहों में फूल बिछाकर पूछूँगा आने में देर इतनी कैसे" 

शनिवार, जनवरी 22, 2011

शायरों की महफ़िल से

संकलन की कुछ रचनाएँ.
-अर्ज किया है:आरजू लखनवी ने
क्यों किसी रहबर से पूछूं अपनी मंजिल का पता,
मौजे दरिया खुद लगा लेती है साहिल का पता

-अर्ज किया है:अज्ञात ने 
इस उम्मीद से दुनिया मेरे क़दमों से लिपटी है,
किसी ने कह दिया होगा यहाँ कुछ मिलने वाला है.

-अर्ज किया है:मुनव्वर राणा ने
हमारे कुछ गुनाहों की सजाएँ साथ चलती है,
हम अब तन्हा नहीं चलते दवाएं साथ चलती हैं. 

-अर्ज किया है:प्रो. वसीम बरेलवी ने 
मुझे गम है तो बस इतना ही गम है,
तेरी दुनिया मेरे ख्वाबों से कम है.

-अर्ज किया है:डॉ. राहत इंदौरी ने
वो कुछ लोग फरिश्तों से बने फिरते हैं,
मेरे हत्थे कभी चढ़ जाएँ तो इंसान हो जाएँ.

शुक्रवार, जनवरी 14, 2011

नौजवानों एक नया संकल्प लें

भारत माता फिर मांग रही क़ुर्बानी
भारत माता फिर मांग रही आजादी
कल अंग्रेजों की जंजीरों से जकड़ी
आज भ्रष्टाचारियों की जंजीरों से जकड़ी
भारत माता फिर मांग रही क़ुर्बानी हैं 

चलो उठो नौजवानों! सर पर बांध लो कफन
इन भ्रष्टाचारियों से नहीं मिलेगी आजादी
भारत माता को दिए बगैर क़ुर्बानी के
कल थें हम अंग्रेजों के गुलाम
आज हैं भ्रष्टाचारियों के मोहताज
भारत माता फिर मांग रही क़ुर्बानी हैं
नहीं मिलता अब गरीब को इन्साफ हैं
बिका प्रशासन, नाकाम हुई कार्यप्रणाली
बिगड़ी व्यवस्था, भ्रष्ट हुई मीडिया भी
अब जजों के भी लगने लगे मोल
कोई कम में बिका, कोई ज्यादा में
चलो उठो नौजवानों! फिर बढ़ालो अपने कदम
भारत माता फिर मांग रही क़ुर्बानी हैं
फिर से कब पैदा होंगे चन्द्रशेखर आजाद,
नेताजी सुभाषचन्द्र बोस, लालबहादुर शास्त्री
महात्मा गाँधी आदि जैसे नौजवान
आओ फिर से भरे दिल में जज्बा देशप्रेम का,
चलो उठो नौजवानों! हो जाओ तैयार!
भारत माता की आजादी के लिए अपना खून बहाने को,
भारत माता फिर मांग रही क़ुर्बानी हैं
भौतिक सुखों के लालच में हुई
आज कलम भी बेईमान है
स्वार्थी राजनीतिज्ञों ने स्विस के बैंक भर दिए
हमारे देश की जनता की जेब खाली है
भारत माता फिर मांग रही क़ुर्बानी हैं
कोमनवेल्थ गेम्स के नाम पर लाखों-अरबों लुटा दिए
आज आम आदमी मंहगाई से बेहाल है
राजनीतिज्ञों और पूंजीपतियों के साथ
ही मीडिया के गंठ्बधन के भी
2जी संचार घोटाले ने खोले राज है
भारत माता फिर मांग रही क़ुर्बानी हैं 

फाँसी का फंदा खुद बढ़-चढ़कर
चूमने वाले ऐसे नौजवान कब पैदा होंगे
कर रही भारत माता इंतज़ार है.
भारत माता फिर मांग रही क़ुर्बानी हैं
आओ नौजवानों नए वर्ष में एक नया संकल्प लें
या हम मिट जायेंगे, या भ्रष्टाचारियों को मिटा देंगे
भारत माता फिर मांग रही क़ुर्बानी हैं
चलो उठो नौजवानों, देने अपनी कुर्बानी
भरकर दिल में देशप्रेम का जज्बा
अब भ्रष्टाचारियों को बतला दें
हम भारत माँ के ऐसे बेटे हैं
जो अपनी कुर्बानी देने से अब नहीं झिझकेंगे.
भारत माता फिर मांग रही क़ुर्बानी हैं 
# निष्पक्ष, निडर, अपराध विरोधी व आजाद विचारधारा वाला प्रकाशक, मुद्रक, संपादक, स्वतंत्र पत्रकार, कवि व लेखक रमेश कुमार जैन उर्फ़ "सिरफिरा" फ़ोन:9868262751, 9910350461 email: sirfiraa@gmail.com, इन्टरनेट या अन्य सोफ्टवेयर में हिंदी की टाइपिंग कैसे करें और हिंदी में ईमेल कैसे भेजें जाने. नियमित रूप से मेरा ब्लॉग http://rksirfiraa.blogspot.com, 
http://sirfiraa.blogspot.com, 
http://mubarakbad.blogspot.com, http://aapkomubarakho.blogspot.com,
http://aap-ki-shayari.blogspot.com
http://sachchadost.blogspot.com देखें और अपने बहूमूल्य सुझाव व शिकायतें अवश्य भेजकर मेरा मार्गदर्शन करें. अच्छी या बुरी टिप्पणियाँ आप भी करें और अपने दोस्तों को भी करने के लिए कहे.

शनिवार, जनवरी 01, 2011

नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ!


नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ!
आप सभी पाठकों / दोस्तों को "शकुन्तला प्रेस ऑफ़ इंडिया प्रकाशन" परिवार की ओर से नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं! आप व आपके परिवार के लिए नववर्ष 2011 मंगलमय हो! इन्हीं शब्दों के साथ ही .....

सुनहरे सपनों की झंकार, लाया है नववर्ष
खुशियों के अनमोल उपहार लाया है नववर्ष
आपकी राहों में फूलों को बिखराकर लाया है नववर्ष
महकी हुई बहारों की ख़ुशबू लाया है नववर्ष
अपने साथ नयेपन का तूफान लाया है नववर्ष
स्नेह और आत्मीयता से आया है नववर्ष
सबके दिलों पर छाया है नववर्ष
आपको मुबारक हो दिल की गराईयों से नववर्ष!


नए साल की नई सुबह, लाये नई खुशियों की सौगात, 
सुख-समृध्दी का हो साम्राज्य, सपनों को मिले एक नया आयाम!
यह नववर्ष शुभ हो, नई खुशियों को लाये! 
यह साल मनमोहक फूलों की तरह से हो आपका जीवन!!
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क्रान्ति का बिगुल बजाये

जनकल्याण हेतु अपनी आहुति जरुर दें
हर वो भारतवासी जो भी भ्रष्टाचार से दुखी है,वो देश की आन-बान-शान के लिए अब भी समाजसेवी श्री अन्ना हजारे का समर्थन करने हेतु एक बार 022-61550789पर स्वंय भी मिस्ड कॉल करें और अपने दोस्तों को भी करने के लिए कहे.यह श्री हजारे की लड़ाई नहीं है बल्कि हर उस नागरिक की लड़ाई है. जिसने भारत माता की धरती पर जन्म लिया है.पत्रकार-रमेश कुमार जैन उर्फ़ "सिरफिरा" सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है, देखना हैं ज़ोर कितना बाजू-ऐ-कातिल में है